मुझे अख़बारों की दुनिया में आए हुए बहुत दिन नही हुए । मैं अभी अदना सा हूँ । पर यह सोच कर परेशान हो रहा हूँ की अगर पुब्लिक को पता चल जाए की न्यूज़ रूम में क्या होता है तो मीडिया पर भरोसा करना छोड़ दे । हमारा काम खबरें देना है । खबरें गढ़ना नही । सच में लोकतंत्र के इस स्तम्भ को संभालना होगा । पब्लिक बहुत दिनों तक माफ़ नही करने वाली ।
भारतीय दर्पण टीम
मुसीबतें भी अलग अलग आकार की होती है
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कहते हैं, मुसीबत कैसी भी हो, जब आनी होती है-आती है और टल जाती है-लेकिन जाते
जाते अपने निशान छोड़ जाती है.
इन निशानियों को बचपन से देखता आ रहा हूँ और ख...
1 वर्ष पहले
2 टिप्पणियां:
आप जैसे युवाओँ से बदलाव आशा है. शुभकामनाऐं.
धोनी का कहना है "जिद करो दुनिया बदलो",लेकिन मै यही कहूँगा की "ख़ुद अपनी दुनिया बदलो."
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