इंदौर में जो कुछ हो हुआ वो किसी भी लिहाज से ठीक नहीं कहा जा सकता/ । हम रोज साम्प्रदायिकता को दूर करने की कोशिश करते हैं और ये तथाकथित लोग रोज तमाशा करते है खैर पब्लिक पर क्या टिप्पणी करें.....
ये अख़बार भी तथाकथित हो गए हैं / भोपाल के एक बड़े अख़बार ने हेडिंग दी " ग्रेनेड से हमला ......." / अगर माहौल को ध्यान में न रखते हुए ऐसे हेडिंग देंगे तो पब्लिक क्या करेगी ? आप अपने मुगालते में ये कहते नहीं थकते कि हम लोगों में धारणा बनाने का काम करते हैं / अगर ऐसी धारणा बनायेंगे तो क्या होगा ? इसके बारे में आप सोचते ही नहीं ......./ अगर इससे हुडदंग नहीं होगा तो और क्या होगा ..../
हम तो ये भी पूछते हैं कि आप नहीं सोचेंगे तो कौन सोचेगा .......?
भारतीय दर्पण टीम ..........
मुसीबतें भी अलग अलग आकार की होती है
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कहते हैं, मुसीबत कैसी भी हो, जब आनी होती है-आती है और टल जाती है-लेकिन जाते
जाते अपने निशान छोड़ जाती है.
इन निशानियों को बचपन से देखता आ रहा हूँ और ख...
1 वर्ष पहले
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